नमस्कार दोस्तों आज की सच्ची घटना हम आपको बता रहै है उसे सुनने व पढ़ने के बाद आप यह सोचने पर मजबुर हो जाऐगे की सेक्स और प्यार की हवस में कोई भी इंसान इतना गिर सकता है तो नमस्कार,आदाब,शत्रीयकाल आप सभी का एक बार फिर से Crime Stroi नई कहानी में स्वागत है ।
24 जनवरी 2022 की है. उस दिन बैहद सर्दी पड़ रही थी 3 दिनों से रुक-रुक के बारिश हो रही थी. तापमान काफी नीचे गिर गया था. बर्फीली हवाएं चल रही थीं. Pardeep Pal को उसकी पत्नी Seema ने ही फोन कर जल्द घर आने को कहा. वह घबराती हुई आवाज में अपने पति को बताया, के “लगता है मां जी को रात में दिल का दौर पड़ा है.वह उठ नहीं रही हैं. तुम जल्दी घर आ जाओ. ” Pardeep Pal ने जैसे ही फोन पर यह बात सुनी वह सुबह-सुबह अपने तबेले से जल्दी -जल्दी घर पर पहुँचा. घर पर भयंकर सन्नाटा पसरा हुआ था. उस की पत्नी सीमा एक कौने में सिर झुकाए सिसक- सिसक रो रही थी. पड़ोसी उसे चुप करवा रहे थे. पिता कमरे में अपनेे बैड पर बेजान बैठे हुए थे. पास के दूसरे बैड पर उस की मां मृत पड़ी थीं. कुछ समय में आसपड़ोस के कुछ और लोगों भीड़ एकत्रीत हो गई उन्होंने भी कहा, “लगता है, रात को अधिक ठण्ड होने से उनको रात में हार्ट अटैक आया होगा . अकसर अधिक सर्दी के मौसम में बूढ़ों लोगों को हार्ट अटैक जैसी शिकायत हो़ जाती है.” इस पर पत्नी Seema ने भी रो-रोकर मोहल्ले के लोगों को बता रही थी “मांजी को हार्ट अटैक आया और मुझे कुछ पता तक नहीं चल पाया. वह अंतिम बार भी हम से बात तक नहीं कर पाईं.”Pardeep Pal ने जल्दी से मां के अंतिम क्रियाकर्म की तैयारी शुरू की और बिना किसी डाक्टरी परीक्षण के उसी रोज मां का दाह संस्कार भी कर दिया गया. उस समय कोरोना के कारण लगी कुछ पाबंदियों की वजह से Pardeep Pal मां के क्रियाकर्म के समय पर अपने रिस्तेदारो व अधिक लोगों को बुला नहीं पाया था.मां की मौत को एक महीना भी पूरा नहीं हुआ था कि ैममउं के परिवार में एक और बड़ा पहाड टूट पड़ा. वह हादसा उस के पति च्ंतकममच चंस के साथ ही हुआ था. Pardeep Pal 21 फरवरी, 2022 की सुबह- सुबह बाइक से अपने तबेले की और जाने के लिए निकला था. तभी रोहिणी इलाके के सेक्टर 24 के आगे हेलीपैड रोड़ पर पहुंचा ही था कि उसे कुछ लोगों ने घेर लिया और फिर उसे गोली मार दी.उसे काफी नजदीक से 3 गोलियां मारी गई थीं. जिस के चलते उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. मामला काफी भयावक था. 2 बाइक पर सवार 5 बदमाशो ने पिस्तौल लहराते हुए खुलेआम इस वारदात को अंजाम दिया था. दिल्ली के थाना बेगमपुर क्षेत्र में घटी इस घटना से आसपास के क्षेत्र में दहशत फैल गई.
सूचना मिलते ही बेगमपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. रोहिणी के DSP प्रणव तायल को जब इस घटना की जानकारी मिली तब उन्होंने तुरंत स्पैशल सेल के एसीपी ब्रह्मजीत सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का जिम्मैदारी सौंपी. जिसमें एक टीम का गठन किया गया जिसमें इंसपेक्टर ईश्वर सिंह, एसआई सुशील, जगदीश, ए एस आई सुरेश, रुपेश, रविंदर और हैड कांस्टेबल सौराज को शामिल किया गया. सभी घटनास्थल के आसपास का निरीक्षण करने लगे और चश्मदीदों के बयान नोट करने लगे.फिर लाश का पंचनामा कर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. वही लाश की जेब से मिले आईकार्ड और अन्य दस्तावेजों के आधार पर जब पुलिस Pardeep Pal के घर पहुंची और घटना की जानकारी दी तो वहां पर घटना की जानकरी सुनते ही रोना- धोना मच गया. बूढ़ा बाप, जिस ने 3 हफ्ते पहले ही अपनी पत्नी को खो दिया था, अब जवान बेटे की हत्या का समाचार सुन कर जमीन पर बेसुध होकर गिर पड़ा.
उधर Pardeep Pal की पत्नी Seema भी पति की मौत की खबर सुन कर जोर -जोर से चीखने-चील्लाने लगी. तीनों बच्चे एक दूसरे का हाथ थामे रोने लगे. पुलिस ने किसी तरह पूरे परिवार को ढांढस बंधाया और आवश्यक जानकारी जुटा कर लौट गई.अपने कार्यालय पहुंच कर ACP Singh ने सब से पहले Pardeep Pal के मोबाइल फोन का डाटा निकालने के आदेश दिए. स्पैशल टीम के इंसपेक्टर ईश्वर सिंह ने जांच शुरू की, तो पाया कि एक फोन नंबर पर प्रदीप के फोन से काफी कॉल किए गए थे. उस पर लंबी बातें भी हुई थीं. उस नम्बर पता लगाया गया तो पता चला कि गौरव तेवतिया के नाम से रजिस्टर वह नंबर उत्तर प्रदेश का है. Seema से गौरव तेवतिया के बारे में पूछने पर Seema बताया की वह उन का किराएदार है, लेकिन हत्या की घटना के दिन से ही गायब है. पुलिस ने उसके नम्बर पर कॉल किया पर फोन भी स्विच्ड ऑफ आरहा था. उस पर पुलिस का कुछ शक हुआ. उस के फोन की भी कॉल डिटेल्स निकाली गई. कॉल डिटेल्स से पता चला कि उसके फोन से कुछ नंबरों पर काफी लंबी-लंबी बातचीत हुई है. कुछ नम्बरों को चिन्हीत किया गया घटना से पहले की रात जिस नंबर पर देर तक बात हुई, उस नम्बर की जानकारी ली गई . जानकारी में सामने आया की वह नंबर विशन कुमार उर्फ वासु का था. विशन के फोन नंबर को ट्रैक किया गया तो समने आया की अभी वह दिल्ली के सुलतानपुरी इलाके में एक्टीव है. पुलिस ने वहाँ दबिश दी तो विशन कुमार उर्फ वासु को दिल्ली के सुलतानपुरी स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया .थाने ले जाकर विशन से पुलिस ने सख्ती पूछताछ की गई. पुलिस की सख्ती के आगे वह ज्यादा देर नहीं टिक पाया. Pardeep Pal हत्याकांड के बारे में सब कुछ सच-सच बताने को राजी हो गया.
इसी के साथ उसने यह वह सच भी बता दिया जो किसी को पता नही था कि Pardeep Pal की मां की भी हत्या हुई थी, जिसे सभी ने हार्ट अटैक समझा था. वह उन दोनों हत्याओं में वह शामिल था. हत्या का गुनाह स्वीकार करने के बाद विशन ने जो कहानी सुनाई, वह काफी हैरान करने वाली थी.Pardeep Pal के मर्डर से पहले हुई उस की मां की भी हत्या की गई थी. विशन ने इतनी बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया, उसने बताया की इन दोनों हत्याओं के पीछे और कोई नही बल्कि Pardeep Pal की पत्नी Seema ही थी. यह सब सुन के पुलिस हक्की- बक्की रह गई.विशन ने Police बताया कि Pardeep Pal और उस की मां की मौत का जिम्मेदार वह अकेले नहीं, बल्कि इस में गौरव तेवतिया भी शामिल था. उन्होंने Pardeep Pal की पत्नी Seema के इशारे पर सब कुछ किया था. दोनों ने मिल कर गहरी नींद में सो रही मां का गला दबा कर मार डाला था. नींद में होने से उसकी चीख तक नहीं निकल पाई थी. विशन ने बताया पैसे के लिए यह काम किया, लेकिन गौरव के बारे में वह बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दे पाया. फिर विशन ने Pardeep Pal की हत्या के लिए रचे गए षडयंत्र के बारे में बताया कि 21 फरवरी, 2022 की सुबह जैसे ही Pardeep Pal अपनी तबेले जाने के लिए अपनी बाईक पर निकला,तो Seema ने तुरंत फोन से इस की सूचना गौरव को दी और गौरव ने विशन को दे दी.जैसे ही पता चला तो 2 मोटरसाईकिलों पर विशन कुमार, परमिंदर उर्फ पम्मी, रिंकू पंवार, सौरभ चौधरी और प्रशांत उसके पीछे निकल पड़े. जल्दी ही उन्होंने हैलीपैड रोड़ पर Pardeep Pal के पीछे अपनी बाइक लगा दी और एक जगह काफी करीब आ कर उन्होंने उस पर गोली चला दी .गोली लगते ही Pardeep Pal वही अपनी बाईक से गिर कर छटपटाने लगा और देखते ही देखते उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गए. वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे तेजी से भाग निकले .विशन के पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद पुलिस ने चारों हत्योरों की तलाश जोर-शोर से शुरू कर दी कुछ समय बाद ही गौरव तेवतिया समेत चारों हत्यारे पम्मी, रिंकू, सौरभ और प्रशांत को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. चारों हत्यारे जिनकी उम्र 22 से 27 साल थी. वह छटे हुए बदमाश थे. उनमें कोई दादरी का तो कोई नोएडा और गाजियाबाद तो कोई बुलंदशहर के निवासी था. इन के साथ ही हत्या की साजिश करने वाली Seema को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
- जब Seema और गौरव तेवतिया से सख्ती से पूछताछ की गई, तब उन्होंने भी विशन की तरह अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. उस के बाद पुलिस ने सातों आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया.
लेकिन Seema और गौरव ने जो कहानी बताईं, उसमें उनके बीच करीब 8 साल पुरानी लव स्टोरी सामने आई. उनकी उस लव स्टोरी में बीते कुछ महिने पहले एक बार फिर से बहार आ गई थी. Seema की शादी उत्तरी दिल्ली के रिठाला निवासी Pardeep Pal के साथ 10 साल पहले तब हुई थी, जब वह 21 साल की नौजवान पूर्ण यौवन में थी. वही Seema का ननिहाल दिल्ली के गौतमबुद्ध नगर के दादरी क्षैत्र के चमरावली रामगढ़ गांव में था. वहीं सीमा के मामा का घर है. Seema का उसके मामा के यहां आना-जाना लगा रहता था. शादी के बाद भी इसी गांव के रहने वाले अपने से छोटे 19 साल के गौरव तेवतिया से सीमा को प्यार हो गया था. दरअसल, ननिहाल आते-जाते Seema की गौरव से पहले से मुलाकात थी, फिर बातें और हंसी मजाक. फिर बातों- बातों में दोनों के बीच प्यार पनपा जल्द ही उन के बीच अनैतिक संबंध भी बन गए. Seema यौवन की दहलीज पर यह भूल गई थी उसकी शादी हो चुकी है. शादी के बाद उत्तर प्रदेश से दिल्ली आ जाने के कुछ समय तक तो Seema के जेहन में गौरव की यादें बसी रहीं. उसके बाद उनका मिलना जुलना तो दूर की बात, बातचीत तक बंद हो गई. इस बीच Seema और Pardeep Pal के तीन बच्चें हो गये. हालांकि Seema और गौरव दिल्ली में रहते थे. दोनों का परिवार दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा की सीमा में अलग-अलग गांवों में रहता है. सीमा ब्याह कर दिल्ली आ गई थी , जिसकी खबर गौरव को नही थी वह गांव मंे अपने मां-बाप के पास ही रहता था गौरव के पास कोई काम धन्धा नही था.मां- बाप के पैसों पर ऐश करता था.वही सीमा की ससुराल कहने को दिल्ली के एक ग्रामीण इलाके में थी, लेकिन रहन- सहन वह शहरी था. ससुर द्वारा बनवाए हुए घर के ऊपरी हिस्से में दर्जन भर कमरे थे. उन्हें Seema का पति Pardeep Pal ने किराए पर दे रखे थे. उनसे उसकी अच्छी आमदनी हो जाती थी. Pardeep Pal उसके अलावा का दूध बेचने का काम भी करता था. Pardeep Pal ने कुछ भैंसें पाल रखी थीं और दूध सप्लाई करता था. उनकी देखरेख में वह काफी बिजी रहता था.
उधर उसके घर में उसके बूढ़े माता-पिता थे. पिता अकसर बीमार रहते थे. इसलिए घर की देखभाल की जिम्मेदारी Seema पर थी. सीमा ससुराल आ कर अपनी घर गृहस्थी में जल्द ही रम गई थी. गौरव कब उसके दिमाग से निकल गया, उसे पता ही नहीं चला. कई साल बीत गए. एक साल बीतते-बीतते उस की गोद में एक प्यारी सी बेटी आ गई. अगले कुछ सालों में उस ने एक और बेटी और उस के बाद एक बेटे को भी जन्म दिया. मगर उसके बाद Seema को अपनी जिंदगी से उबने लगी. बच्चों की देखभाल और सास ससुर की सेवा बोझ लगने लगी थी.इस की एक वजह और भी थी. वह यह कि उस के पति का अधिकतर समय तबेले और दूध के कारोबार में ही बीतता था. क्यूंकि Seema अभी भी पूर्ण यौवन में थी उसे रात में अपने पति की कमी खलती थी. Pardeep रात में भी Seema के साथ समय नहीं गुजारता था. वह बाहरी दिल्ली के बेगमपुर एक्सटेंशन इलाके में बनी अपने तबेले में ही रहता था. पत्नी की भावनाओं का ध्यान नहीं रख पाया की उसकी पत्नी उससे क्या चाहती है . Seema अकेलापन महसूस करती थी. Pardeep कुछ समय के लिए ही घर आता था और फटाफट घरेलू कामकाज निपटा कर फिर कारोबार के सिलसिले में चला जाता था.
वही Seema अपने बच्चों और सास ससुर की देखभाल में लगी रहती थी. उस की रातें बिस्तर पर यौवन की आग में तडपते हुए करवटें बदलते-बदलते बीत रही थीं. उसके मन और शरीर की जरूरतें प्यास जस की तस थीं. उसका मन सैक्स करने को बैताब था. सैक्स की चाहत में सुलगती Seema एक दिन अपने बीत दिनों को याद करने लगी. उसी सिलसिले में उसे पिछले प्यार गौरव की यादें ताजा हो आई. बार-बार यौवन की आग में जल रही Seema को पूर्व प्रेमी का चेहरा नजरों के सामने से गुजरने लगा. उसके साथ किया सैक्स व गुजारे हसीन लम्हे याद आने लगे. उस की चुलबुली बातें, हंसी मजाक, बार-बार उसके शरीर का छुना,चूमना सहलाना और बहुत कुछ फटाफट दिमाग में घूमने लगा बार-बार गौरव की यादें उसे और तड़पाने लगी वह बैचेन होन लगी.गौरव की यादें ताजा होने के बाद मन उससे मिलने के लिए छटपटा लगा. जब बेचौनी हद से ज्यादा होने लगी, तब उस ने गौरव से मिलने की चाहत और बैचेन करने लगी मानो उसके शरीर मे आग लगी हो उससे रहा नही गया और वह गौरव का फोन नंबर पता करने लगी. संयोग से उसके पुराने फोन में उस का नंबर मिल भी गया. और फिर एक दिन Seema के दिमाग में कि क्यों ना गौरव से बात की जाए उस ने गौरव को फोन मिला दिया. और उसका वह नम्बर अभी चालू था.“हैलो गौरव, मैं सीमा बोल रही हूं. सुन रहा है न तू, तू तो याद करता नहीं, इसलिए मैं ने आज तुझे ही याद कर लिया.
फोन पर काफी समय बाद अचानक Seema की आवाज सुन कर गौरव का दिल चहक उठा.उस के मुंह से निकल पड़ा, तुझे अब मेरी याद आई है. इतने दिनों बाद .हरामजादी कहां थी इतने दिनों की “गौरव देख, गालियां मत दे. मानती हूं तुझे बहुत दिनों तक भुलाए रही. लेकिन मैं आज भी तुझ से उतना ही प्यार करती हूं, जितना पहले किया करती थी. भला मैं तुझे कैसे भूल सकती हूं. तू तो मेरा पहला प्यार है. कोई पहले प्यार को भूल पाया है, जो मैं भूलूंगी ” सीमा प्यार से बोली. फिर गौरव ने कहा “मैं कैसे मान लूं. साली, मैं जानता हूं कि तू तो अब सेठानी बन गई है. मालदार है. पति का बड़ा बिजनैस है. पैसा है. मुझे झूठा दिलासा दे रही है. क्योंकि मैं ठहरा निकम्मा निठल्ला.” गौरव लगातार बोलता ही जा रहा था.इसीबीच Seema टोकती हुई बोली, “तू अपनी ही बात कहे जा रहा है. मेरी बात को समझने की कोशिश तो कर. जो बात तुझे में कहना चाहती हुं तू मिलेगा तो मैं सब कुछ बताऊंगी तु देख, पैसा ही सब कुछ नहीं होता. मुझे आज भी तेरा ही इंतजार है.”
“बोल तो फिर कब मिलेगी यहां तो फिर से लौकडाउन लग गया है. रात का कर्फ्यू है,” गौरव बोला. “मैं बाद में बताऊंगी. इतना समझ ले कि तेरी मुझे बहुत याद सता रही है,” मैं फिर से तेरे साथ सब कुछ करना चाहती हुं . Seema बोली और फोन काट कर दिया.
लंबे अरसे बाद फोन पर सीमा की बातें सुन कर गौरव बेचैन हो उठा. बीते दिनों का बिछड़ा प्यार दिल में फिर से उछाल मारने लगा. मन फिर से बिछड़ी प्रेमिका से मिलने के लिए बेचौन हो गया.
भले ही प्रेमिका शादीशुदा थी, मगर उसके लिए तो वह आज भी वही कमसिन यौवन से भरी ही थी, जिसे प्यार से ‘सैक्सी जान’ कह कर बुलाता था.
क्योंकि उसके सैक्सी अंदाज पर वह कलेजा निकाल कर रख देता था. वह भी उसे आहें भरने तक की नौबत ही नहीं आने देती थी. मिलते ही झट से गले लग जाती थी और गौरव उसे चूम लेता था. जब सालों बाद उस ने कहा कि उस का आज भी इंतजार है, तब वह खुद को रोक नहीं पाया. उस का नंबर अपने फोन में सेव कर लिया. सीमा जिसे प्यार से गौरव बुलाती थी, उस का पूरा नाम गौरव तेवतिया है. सीमा से फोन पर बात होने के बाद वह उस से मिलने के लिए बेचौन हो उठा. उस की अगली काल का इंतजार करने लगा.
अपना गांव घर छोड़ कर गौरव दिल्ली आने की योजनाएं बनाने लगा, लेकिन समस्या किसी सही ठौर ठिकाने की थी. वह दिल्ली में ही कोई काम भी करना चाहता था.
अगले रोज ही उस ने सीमा को मिस काल की. तुरंत उधर से सीमा की काल भी आ गई, “कैसा है, दिल्ली आने का मन बना लिया?”
“मन तो बहुत है, मगर.
मगर क्या? कुछ प्राब्लम है,सीमा ने पूछा.
“नहीं, दिल्ली में मेरा रहने का कोई इंतजाम नहीं है. पैसा तो वहां कोई काम कर के कमा ही लूंगा,” गौरव बोला.
“इस पर Seema ने जवाब दिया उसका समाधान मेरे पास है. मैं जैसा कहूंगी तू वैसे ही करता जा ,
सीमा के इस फोन ने गौरव के दिल में एक बार फिर गुदगुदी पैदा कर दी. उस से मिलने की बेचौनी बढ़ गई. वह उस के खयालों में खो गया.
ऐसा ही हाल सीमा का भी था. उस ने दोचार बातें करने के बाद फोन कट तो कर दिया था, लेकिन गौरव की पहले जैसी नजदीकियां पाने के लिए वह उतावली होती जा रही थी.
वह उसके साथ वह सब करना चाहती थी जो उसने कुछ साल पहले किया पति की अनदेखी से आसमान छूती शारीरिक भुख को जल्द से जल्द पूरी करना चाहती थी.
फिर एक रात को घर का सारा काम निपटा कर सीमा ने गौरव को फोन किया, “गौरव, तू मुझसे मिलने दिल्ली आ जा. मैं ने तेरे रहने का सारा बंदोबस्त कर दिया है.” सीमा ने फोन पर कहा.
इस पर गौरव बोला “पर तेरा पति.”
Seema ने कहा “वह शाम को तबेले पर चला जाता है, रात में वहीं सोता है. उस की जिंदगी तो भैंसों के बीच चलती है,”Seema चिढ़ते हुए जवाब दिया
गौरव ने कहा तो “कल आ जाऊं? किस मैट्रो स्टेशन पर आना है?”
Seema ने उसे पता बताया “रिठाला. दिन में एक बजे गेट नंबर 3 से बाहर निकलना. मैं तुझे वहीं नीचे मिल जाऊंगी.
कॉल काटने के बाद गौरव को ऐसा लगा जैसे उस की कई दबी हुई इच्छाएं एक साथ पूरी होने वाली हैं. उस की बांहे खिल उठी.
अगले रोज वह दिल्ली के लिए रवाना हो गया Seema के बताऐ अनुसार वहा पहुचं गया. सलवार सूट के पहनावे और हाथ में दुपट्टा लपेटने के स्टाइल से गौरव ने Seema को पहचान लिया.
Seema भी गौरव को देखते ही पहचान गई. तुरंत बोल पड़ी, “तू तो पहले जैसा ही है, जरा भी नहीं बदला.”
“कहां चलना है?” गौरव बोला.
लेकिन Seema बीच में ही टोकती हुई बोली, “यहां से पास में ही मेरा ससुराल है. दूध वाले का घर पूछेगा तो कोई भी बता देगा. मेरे मकान में किराए के लिए कई कमरे खाली हैं. किराया बहुत अधिक नहीं है. तू एक कमरा किराए पर ले लेना. मेरा पति तुझे किराए पर रख लेगा. उस से कहेगा तो तुझे कोई काम भी दिलवा देगा,” सीमा बोली .
और तू मेरे पति की नजरों में अनजान बने रहना. वहां उसे जरा भी शक नहीं होना चाहिए कि तू मुझे पहले से जानता है.”
“अच्छा तो यह बात है,” गौरव बोला.
“तू उससे आज ही 5 बजे से पहले मिलने आ जाना पूरा नहीं तो कुछ एडवांस किरया दे देना. वह कमरा दे देगा. बस, ध्यान रहे उस के सामने न तू मुझे जानता है और न मैं तुझे जानती.
“हां, बिलकुल समझ गया गौरव बोला.
सीमा के कहने के मुताबिक गौरव Pardeep Pal से मिला और 2 महीने का एडवांस किराया दे कर कोने का कमरा किराए पर ले लिया. क्योंकि उस कमरे से सीमा की रसोई साफ-साफ नजर आती थी.
कमरा किराए पर ले कर वह उसी रोज अपने गांव लौट गया. अगले दिन कुछ जरूरत सामान के साथ वापस आ गया. आते ही उस ने च्ंतकममच च्ंस से कोई काम दिलवाने के लिए भी कहा.
उस के बाद से Seema और गौरव को एक दूसरे की झलक पाने के लिए तरसना नहीं पड़ता था. दोनों हर वक्त एक दूसरे की नजरों के सामने थे.
दिन में गौरव दुनिया को दिखने के लिए Seema से दूर रहता और रात होते ही वह उसके रूम में पहुंच जाता था. वहां दोनों पुरे जौश के साथ रंगरलियां मनाते थे. सुबह प्रदीप के लौटने से पहले सीमा कमरे उसे निकल देती और कमरे को पुरी तरह साफ कर देती जैसे कुछ हुआ ही नही.
उसके इस कुकर्म में बाधक सिर्फ उसके सास ससुर ही थे. उसे उनकी नजरों से भी Seema को बचना था. जिसका Seema ने रास्ता निकाल लिया था. वह सास ससुर को रात के खाने और पानी में नींद की गोलियां देती थी. गोलियां गौरव ला कर देता था. Seema के ससुर पहले ही बीमार रहते थे, नींद की दवा मिला खाना खाने के बाद वह तुरंत गहरी नींद में सो जाते थे. मगर Seema की सास पर दवा का असर कुछ कम ही रहता था. वह अकसर नींद से जाग जाती थीं. ऐसे ही एक रात जब गौरव Seema के कमरे में सेक्स कर आहै भर रहै थे, की उसी समय Pardeep की मां की आंखें खुल गई. कमरे में से कुछ आवाजे आई तो उन्हें कमरे में किसी के होने का संदेह हुआ. सुबह उस ने सीमा से पूछा, तब वह बहाना बना कर निकल गई. मगर वह समझ गई कि बुढिया को उस पर शक हो गया है. उस ने गौरव से सावधान रहने को कह दिया.
उसके बाद Seema सास ससुर के गहरी नींद में सोने का पक्का इत्मीनान होने के बाद ही गौरव को बुलाती थी. 7 महीने तक यही सब चलता रहा. मगर उस की यह चालाकी बहुत दिनों तक नहीं चली सकी . एक सुबह सीमा की सास की आंखें सुबह जल्दी ही खुल गईं और उसने गौरव को Seema के कमरे से आपत्ती जनक स्थिति में निकलते हुए देख लिया. गौरव ने भी उन्है देख लिया और उनकी चोरी पकड़ी गई है. सास ने Seema को धमकाया कि वह अपनी हरकतों से बाज आ जाए, वरना Pardeep को सारी बात बता देगी. इस पर Seema ने हाथ पैर जोड़ कर सास से माफी मांग ली और उन्हें मना लिया कि आगे से ऐसा नहीं करेगी.
इस घटना के बाद से च्ंतकममच की मां Seema पर निगरानी रखने लगी जिसके चलते गौरव और Seema को मिलने में काफी परेशानी होने लगी कई दिनों तक एक दूसरे को देखने के बावजूद भी वह एक दूसरे से नहीं मिल पा रहे उनके सेक्स की भूख और बढ़ती जा रही पर उनकी रंगरेलियां बनाने में प्रदीप की मां Seema की सास रोड़ा बन रही थी फिर सीमा को एहसास हुआ कि उसकी सास उसे पर नजर रख रही है तब उसने अपने प्रेमी गौरव के साथ मिलकर अपनी सास को रास्ते से हटाने का खतरनाक इरादा बना लिया 23 जनवरी की सर्द रातों में प्रदीप शाम ढले तबले चला गया था उसी रात Seema ने खाने में नींद की दवा अधिक मात्रा में मिला दी खाना खाने के बाद उसके सास ससुर गहरी नींद में सो गए फिर दोनों के सो जाने के बाद Seema ने गौरव को बुलाया उसे दिन गौरव के साथ उसका दोस्त विशन कुमार उर्फ वासु भी उसके घर पर ठहरा हुआ था,Seema का इशारा पाते ही दोनों उसके कमरे में आ गए और सास को गला दबाकर मार डाला इसके बाद Seema ने अपनी सास की चुन्नी से उसके गले में इस तरह लपेट दिया कि निशान नजर नहीं आए फिर लाश को सोई हुई स्थिति में लेट कर कमरे का दरवाजा बंद कर अपने कमरे में जाकर सो गई फिर सुबह उसने नाटकीय के अंदाज में नाटक करते हुए अपने पति को फोन कर जल्दी घर आने को कहा च्ंतकममच जब घर आया तब उसने अपनी मां के कमरे में जाकर उन्हें जगाने की कोशिश की मगर वह तो पहले ही मर चुकी थी उनका उनका शरीर ठंडा पड़ चुका था वहां मौजूद लोग सभी एक ही बात कह रहे थे की हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई होगी।
मगर Seema और गौरव कभी पकडे नहीं जाते अगर वह Pardeep की हत्या नहीं करते उसकी हत्या के बाद उसकी मां की हत्या का भी सारा सच सामने आ गया जिसमें बहू के इशारे पर प्रेमी ने उसकी सास को मौत के घाट उतार दिया। Seema चाहती थी कि बाकी जिंदगी भी गौरव देवटिया के साथ यश आराम से बीते इसलिए उसके इस मिशन में रोड़ा बने उसके पति Pardeep को भी उसने हमेशा के लिए हटाने की साजिश रच डाली और उसे भी मौत के घाट उतार दिया. दादरी निवासी गौरव तेवतिया ने इस बारे में प्रेमिका सीमा के साथ योजना बनाई थी पर गौरव जानता था कि इस घटना को वह अकेले अंजाम नही दे सकता इसलिए इस संबंध में उस ने अपने ही गांव के रहने वाले परविंदर से बात की. परविंदर उसका साथ देने को तैयार हो गया.
परविंदर की मार्फत बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश निवासी रिंकू (22 वर्ष), सौरभ चौधरी (23 वर्ष), प्रशांत (22 वर्ष) व दिल्ली के सुलतानपुरी निवासी विशन कुमार (18 वर्ष) से बात हुई. इन सभी को चार चार लाख रुपए देने तय हुए.
गौरव तेवतिया की पिछले दिनों रेलवे ने कुछ जमीन बेची थी, जिस के बदले में उसे मोटा पैसा मिला था. इसलिए उस ने प्रेमिका से कह दिया था कि सुपारी के 20 लाख वह अपने पास से दे देगा.
योजना के अनुसार 21 फरवरी, 2022 को सभी आरोपी 2 मोटरसाइकिलों से उसी रास्ते में पहुंच गए, जहां से प्रदीप अपनी गौशाला जाता था. फिर मौका देख कर उन्होंने Pardeep Pal की गोली मार कर हत्या कर दी.
पुलिस ने सभी आरोपियों से पूछताछ करने के बाद उनकी निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त 2 मोटरसाइकिलें, 3 पिस्टल, 10 जीवित कारतूस, 6 मोबाइल फोन आदि बरामद कर लिए. इस के बाद पूछताछ कर सभी को रोहिणी स्थित कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया.
इस पूरे घटनाक्रम से च्ंतकममच के बीमार पिता गहरे सदमे में आ गए. उनके कंधों पर प्रदीप के 3 छोटे छोटे बच्चों की जिम्मेदारी आ गई।